किरण शेखावत का जीवन परिचय Kiran Shekhawat Biography in Hindi

Kiran Shekhawat Biography in Hindi – किरण शेखावत का जीवन परिचय 24 मार्च 2015 को गोवा के तट पर डोर्नियर विमान दुर्घटना में भारतीय नौसेना अधिकारी किरण शेखावत की जान चली गई। वह ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाली पहली भारतीय नौसेना महिला अधिकारी थीं।

Kiran Shekhawat Biography in Hindi
Kiran Shekhawat Biography in Hindi

किरण शेखावत का जीवन परिचय Kiran Shekhawat Biography in Hindi

किरण शेखावत का प्रारंभिक जीवन (Early life of Kiran Shekhawat in Hindi)

1 मई 1988 को मुंबई में नाविक परिवार में किरण शेखावत का जन्म हुआ। उनके पिता विजेंद्र सिंह शेखावत भारतीय नौसेना में पूर्व लेफ्टिनेंट थे। उनकी मां मधु चौहान एक गृहिणी हैं। यश किरण का इकलौता छोटा भाई था।

किरण शेखावत एक बुद्धिमान और मेहनती युवा थीं। विशाखापत्तनम में केन्द्रीय विद्यालय-II में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अपनी पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वह पाठ्येतर गतिविधियों और एथलेटिक्स में भी काफी शामिल थीं।

नौसेना में शामिल होने का निर्णय (Decision to join the navy in Hindi)

किरण शेखावत की हमेशा से सेना में सेवा करने की इच्छा रही है। उनके पिता की भारतीय नौसेना में भागीदारी ने प्रेरणा का काम किया। वह अपने राष्ट्र को वापस लौटाने और दुनिया को बदलने की भी इच्छा रखती थी।

हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद किरण शेखावत ने भारतीय नौसेना अकादमी (INA) में आवेदन जमा किया। 2010 में, अकादमी में स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने 128वें पाठ्यक्रम में दाखिला लिया।

प्रशिक्षण एवं कमीशनिंग (Training & Commissioning in Hindi)

2010 में आईएनए में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 5 जुलाई 2010 को किरण शेखावत ने भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के रूप में अपना कमीशन प्राप्त किया। उन्हें पहली बार विशाखापत्तनम स्थित नौसेना एयर स्टेशन आईएनएस डेगा को सौंपा गया था।

किरण शेखावत को 2012 में गोवा के नेवल एयर स्टेशन में ऑब्जर्वर कार्यक्रम में नामांकन के लिए चुना गया था। उन्होंने 2013 में कार्यक्रम समाप्त किया और उन्हें कोबरा, इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन (आईएनएएस) 310 के नाम से जाने जाने वाले विशिष्ट आईडब्ल्यू स्क्वाड्रन को सौंपा गया।

आईएनएएस 310 में किरण शेखावत (Kiran Shekhawat in INAS 310 in Hindi)

किरण शेखावत आईएनएएस 310 में सूचना युद्ध में विशेषज्ञ थीं। वह पर्यावरण चार्ट और खुफिया विश्लेषण के लिए आवश्यक कई अन्य मानदंडों पर नज़र रखने की प्रभारी थीं। उन्होंने ख़ुफ़िया मिशनों के संगठन और प्रदर्शन में भी भाग लिया।

किरण शेखावत असाधारण कौशल वाली एक प्रतिबद्ध अधिकारी थीं। वह हमेशा आगे बढ़ने को तैयार रहती थी और अपनी क्षमताओं को आगे बढ़ाने के लिए लगातार नए तरीकों की तलाश में रहती थी। वह एक अच्छी टीम खिलाड़ी भी थीं और अपने सहकर्मियों की सहायता के लिए हमेशा उत्सुक रहती थीं।

डोर्नियर विमान दुर्घटना में मृत्यु (Death in dornier plane crash in Hindi)

किरण शेखावत 24 मार्च 2015 को गोवा के तट पर एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान डोर्नियर उड़ा रही थीं। जब विमान अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया तो उसमें सवार चालक दल के सभी चार सदस्यों की मौत हो गई। किरण शेखावत को उनकी वीरता और बलिदान के लिए मरणोपरांत नाव सेना पदक मिला।

किरण शेखावत की विरासत (Kiran Shekhawat’s legacy in Hindi)

किरण शेखावत ने साहस और समर्पण के साथ भारतीय नौसेना अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने महिला सैनिकों के लिए प्रेरणास्रोत का काम किया। उनके निधन से भारतीय नौसेना और देश को काफी क्षति हुई।

किरण शेखावत का जीवन और मृत्यु हर किसी के लिए एक मिसाल है। उन्होंने प्रदर्शित किया कि महिलाएं किसी भी चीज़ में सफल हो सकती हैं, जिसमें सेना में शामिल होना भी शामिल है। वह एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करती है कि हमारे लक्ष्य कितने भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों, हमें उन्हें कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

किरण शेखावत का प्रभाव सदैव रहेगा। वह एक साहसी और समर्पित अधिकारी थीं जिन्होंने अपने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया और इसके लिए उन्हें याद किया जाएगा।

निष्कर्ष

किरण शेखावत एक वीरांगना और सच्ची देशभक्त थीं। उन्होंने अपना जीवन अपने देश की सेवा में बिताया और अपने दृढ़ विश्वास की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया। एक बहादुर और समर्पित अधिकारी के रूप में वह इतिहास में एक ऐसी शख्स के रूप में याद की जाएंगी जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता।

सामान्य प्रश्न (FAQ)

Q1. भारतीय नौसेना में किरण शेखावत की रैंक क्या थी?

भारतीय नौसेना में, किरण शेखावत ने लेफ्टिनेंट के रूप में कार्य किया। 5 जुलाई 2010 को उन्हें लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ।

Q2. आईएनएएस 310 में किरण शेखावत की क्या भूमिका थी?

किरण शेखावत ने आईएनएएस 310 में एक खुफिया युद्ध अधिकारी के रूप में कार्य किया। वह पर्यावरण चार्ट और खुफिया विश्लेषण के लिए आवश्यक कई अन्य मानदंडों पर नज़र रखने की प्रभारी थीं। उन्होंने ख़ुफ़िया मिशनों के संगठन और प्रदर्शन में भी भाग लिया।

Q3. किरण शेखावत को नाव सेना पदक से क्यों सम्मानित किया गया?

किरण शेखावत को उनकी वीरता और भक्ति के सम्मान में मरणोपरांत नाव सेना पदक मिला। 24 मार्च 2015 को गोवा के तट पर डोर्नियर विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

टिप्पणी:

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