Charles Dickens Biography in Hindi – चार्ल्स डिकेंस का जीवन परिचय चार्ल्स जॉन हफम डिकेंस का जन्म 7 फरवरी, 1812 को लैंडपोर्ट, पोर्ट्समाउथ, इंग्लैंड में हुआ था। वह अंग्रेजी साहित्य के सबसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण लेखकों में से एक हैं। वह एलिजाबेथ डिकेंस और नौसैनिक क्लर्क जॉन डिकेंस की दूसरी संतान थे। डिकेंस को जीवन के आरंभ में वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन अंततः वह साहित्यिक महानता तक पहुंचे और विक्टोरियन युग और उससे आगे पर एक अमिट छाप छोड़ी।
Contents
- 1 चार्ल्स डिकेंस का जीवन परिचय Charles Dickens Biography in Hindi
- 1.1 चार्ल्स डिकेंस का प्रारंभिक जीवन (Early life of Charles Dickens in Hindi)
- 1.2 चार्ल्स डिकेंस की साहित्यिक सफलता (Literary success of charles dickens in Hindi)
- 1.3 चार्ल्स डिकेंस द्वारा सामाजिक टिप्पणी (Social Commentary by Charles Dickens in Hindi)
- 1.4 चार्ल्स डिकेंस की यात्राएँ (The Travels of Charles Dickens in Hindi)
- 1.5 चार्ल्स डिकेंस का निजी जीवन (Charles Dickens’s personal life in Hindi)
- 2 सामान्य प्रश्न (FAQ)
चार्ल्स डिकेंस का जीवन परिचय Charles Dickens Biography in Hindi
चार्ल्स डिकेंस का प्रारंभिक जीवन (Early life of Charles Dickens in Hindi)
नाम: | चार्ल्स डिकेंस |
उपनाम: | चार्ल्स |
जन्मतिथि: | 7 फ़रवरी, 1812 |
वर्षगांठ: | 9 जून, 1870 |
नौकरी: | लेखक |
राशि चक्र: | अज्ञात |
धर्म: | ईसाई |
12 वर्ष की आयु तक डिकेंस का बचपन बहुत समृद्ध था, जब उनके पिता के खराब धन प्रबंधन ने परिवार को कर्ज में डाल दिया। परिवार की वित्तीय कठिनाइयाँ बढ़ने के कारण चार्ल्स को अपना भरण-पोषण करने के लिए एक ब्लैकिंग फैक्ट्री में काम करना पड़ा, जबकि उनके पिता कर्ज के कारण जेल में थे। डिकेंस इस दर्दनाक अनुभव से गहराई से प्रेरित थे, और यह उनके बाद के कई कार्यों में दिखाई दिया, जिसमें श्रमिक वर्ग और गरीबों की दुर्दशा पर जोर दिया गया था।
डिकेंस एक उत्साही पाठक थे जिन्होंने कोई आधिकारिक शिक्षा न होने के बावजूद क्लासिक साहित्य में खुद को डुबो दिया। इससे उन्हें कहानी कहने में गहरी रुचि पैदा हुई। 20 साल की उम्र में, उन्होंने अपनी उभरती साहित्यिक क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए, पड़ोस के समाचार पत्रों के लिए कार्टून और कहानियाँ लिखने के लिए उपनाम “बोज़” का उपयोग करना शुरू किया।
चार्ल्स डिकेंस की साहित्यिक सफलता (Literary success of charles dickens in Hindi)
डिकेंस ने 1836 में अपनी पहली क्रमबद्ध पुस्तक “द पिकविक पेपर्स” प्रकाशित की। यह एक त्वरित सफलता थी और उन्हें साहित्यिक प्रसिद्धि तक पहुँचाया। सभी पृष्ठभूमियों के पाठक उनके जीवंत चरित्रों, मनोरम कहानी कहने और सामाजिक आलोचना से जुड़े हुए हैं। इस उपलब्धि के बाद, डिकेंस ने कई अन्य किताबें लिखीं, जिनमें “ओलिवर ट्विस्ट” (1837-1839), “निकोलस निकलबी” (1838-1839), “द ओल्ड क्यूरियोसिटी शॉप” (1840-1841), और “बार्नबी रूज” शामिल हैं। (1841)
चार्ल्स डिकेंस द्वारा सामाजिक टिप्पणी (Social Commentary by Charles Dickens in Hindi)
अपने काल की सामाजिक असमानताओं को उजागर करने की इच्छा चार्ल्स डिकेंस के लेखन के लिए एक प्रमुख प्रेरणा थी। बाल श्रम, औद्योगिक क्रांति की कठोर वास्तविकता और कार्यस्थलों और स्कूलों में भयावह परिस्थितियों को उनके द्वारा चित्रित किया गया था। डिकेंस के कार्यों में अक्सर फागिन, बिल साइक्स और दयालु अनाथ ओलिवर ट्विस्ट जैसे स्थायी चरित्र शामिल होते थे, जो समाज में उत्पीड़ित और वंचित लोगों को एक मजबूत आवाज देते थे।
शायद उनका सबसे प्रसिद्ध काम, “ए क्रिसमस कैरोल”, 1843 में प्रकाशित एक उपन्यास, जरूरतमंदों के प्रति दयालुता और उदारता को बढ़ावा देता है। मुक्ति का एक स्थायी प्रतीक और क्रिसमस का वास्तविक अर्थ एबेनेज़र स्क्रूज है, जो एक कंजूस बूढ़ा व्यक्ति है जो क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तीन भूतों की उपस्थिति से बदल जाता है।
चार्ल्स डिकेंस की यात्राएँ (The Travels of Charles Dickens in Hindi)
डिकेंस ने 1840 और 1850 के दशक में व्यापक रूप से लिखना जारी रखा, जिसमें “डेविड कॉपरफील्ड” (1850), “ब्लीक हाउस” (1852-1853), “हार्ड टाइम्स” (1854), और “लिटिल डोरिट” (1855-1857) जैसे क्लासिक्स शामिल हुए। ). डिकेंस के लेखन ने उनकी उत्कृष्ट कथा क्षमताओं, सच्चे जीवन चरित्रों और सामाजिक सरोकार को प्रदर्शित किया।
डिकेंस ने अपने पूरे जीवनकाल में इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड और अमेरिका में कई पठन यात्राओं में भी भाग लिया। उनके स्वयं के लेखन के सार्वजनिक वाचन में भारी भीड़ शामिल हुई, जिसने एक प्रसिद्ध लेखक और कलाकार के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत किया।
चार्ल्स डिकेंस का निजी जीवन (Charles Dickens’s personal life in Hindi)
चार्ल्स डिकेंस ने 1836 में कैथरीन होगार्थ से शादी की और दोनों के दस बच्चे हुए। हालाँकि, अंततः उनके संघ पर दबाव पड़ा और 1858 में अलगाव हो गया, जिससे बहस छिड़ गई और जनता का ध्यान आकर्षित हुआ।
1860 के दशक में साहित्यिक उत्पादन कम होने के बाद भी डिकेंस ने “अवर म्युचुअल फ्रेंड” (1864-1865) और “ग्रेट एक्सपेक्टेशंस” जैसी उल्लेखनीय किताबें लिखना जारी रखा। चार्ल्स डिकेंस को 9 जून, 1870 को स्ट्रोक हुआ और अगले दिन 58 वर्ष की आयु में केंट के गैड्स हिल प्लेस में उनकी मृत्यु हो गई।
चार्ल्स डिकेंस ने एक अतुलनीय विरासत छोड़ी है। मंचीय नाटकों, फिल्मों और टेलीविजन शो सहित उनके लेखन के कई रूपांतरण जारी रहे हैं। अंग्रेजी साहित्य, सामाजिक परिवर्तन और मानवीय भावना के उत्सव पर भी उनका स्थायी प्रभाव पड़ा।
चार्ल्स डिकेंस एक कहानीकार के रूप में अपने कौशल और अपने समय की सामाजिक चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करने के समर्पण के कारण साहित्य के इतिहास में एक महान चरित्र हैं। मानव जाति के सार को समझने और पाठकों में सहानुभूति जगाने की उनकी क्षमता के कारण उनका लेखन आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रभावशाली है जितना विक्टोरियन युग में था।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
Q1. चार्ल्स डिकेंस की कौन सी रचनाएँ सबसे प्रसिद्ध हैं?
चार्ल्स डिकेंस की प्रसिद्ध कृतियों में “ओलिवर ट्विस्ट,” “डेविड कॉपरफील्ड,” “ए टेल ऑफ़ टू सिटीज़,” “ग्रेट एक्सपेक्टेशंस,” “ए क्रिसमस कैरोल,” “ब्लीक हाउस,” और “हार्ड टाइम्स” शामिल हैं। ये टुकड़े एक कहानीकार के रूप में उनके कौशल, उनके ज्वलंत चरित्र-चित्रण और उनकी सामाजिक आलोचना को प्रदर्शित करते हैं।
Q2. चार्ल्स डिकेंस की परवरिश का उनके लेखन पर क्या प्रभाव पड़ा?
डिकेंस की खराब परवरिश और ब्लैकिंग फैक्ट्री में काम करने में बिताए गए समय का उनके काम पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा। उन्होंने अपने उपन्यासों में गरीबों और वंचितों द्वारा सामना किए गए संघर्षों को चित्रित करने के लिए इन शुरुआती अनुभवों से प्रेरणा ली और उन्हें शक्तिशाली सामाजिक रूपकों में बदल दिया।
टिप्पणी:
तो दोस्तों उपरोक्त लेख में हमने चार्ल्स डिकेंस का जीवन परिचय – Charles Dickens Biography in Hindi देखी है। इस लेख में हमने चार्ल्स डिकेंस के बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। यदि आपके पास Charles Dickens in Hindi के बारे में कोई जानकारी है, तो कृपया हमसे संपर्क करें। आप इस लेख के बारे में क्या सोचते हैं हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।